Friday, 9 April 2021


"बिसरा एक जमाना"


मै बिसरा, एक जमाना

मत याद मुझे कर जाना।


बस नयन को करते गीले

कभी स्वप्न थे जो चमकीले

तू बड़ी व्यथा दे जाता

नींदों में कभी न आना।

मैं बिसरा एक जमाना

मत याद मुझे कर जाना।


उन्माद सभी जीवन के

उर के छाले देते हैं

यह मन खाली सा रखना

नही निष्ठुर और बसाना।

मैं बिसरा एक जमाना

मत याद मुझे कर जाना।


हाथों में वीणा धर लूँ

झंकार न वैसी होगी

रागों में नही आकुलता

आता है अब भी बजाना।

मैं बिसरा एक जमाना

मत याद मुझे कर जाना।


रह कर भी संग तुम्हारे

व्यवहार था अनजानों सा

मैं भावुकता का मारा

तुम्हें शीशमहल बनवाना।

मैं बिसरा एक जमाना

मत याद मुझे कर जाना।


मेरी पीड़ा की रेखा

नभ तक बढ़ती जाती है

साकी अधरों के रस से

मुश्किल है इसे मिटाना।

मैं बिसरा एक जमाना

मत याद मुझे कर जाना।


मधुकर वनमाली 

मुजफ्फरपुर बिहार


मधुकर वनमाली की कविताएं


"बिसरा एक जमाना"


मै बिसरा, एक जमाना

मत याद मुझे कर जाना।


बस नयन को करते गीले

कभी स्वप्न थे जो चमकीले

तू बड़ी व्यथा दे जाता

नींदों में कभी न आना।

मैं बिसरा एक जमाना

मत याद मुझे कर जाना।


उन्माद सभी जीवन के

उर के छाले देते हैं

यह मन खाली सा रखना

नही निष्ठुर और बसाना।

मैं बिसरा एक जमाना

मत याद मुझे कर जाना।


हाथों में वीणा धर लूँ

झंकार न वैसी होगी

रागों में नही आकुलता

आता है अब भी बजाना।

मैं बिसरा एक जमाना

मत याद मुझे कर जाना।


रह कर भी संग तुम्हारे

व्यवहार था अनजानों सा

मैं भावुकता का मारा

तुम्हें शीशमहल बनवाना।

मैं बिसरा एक जमाना

मत याद मुझे कर जाना।


मेरी पीड़ा की रेखा

नभ तक बढ़ती जाती है

साकी अधरों के रस से

मुश्किल है इसे मिटाना।

मैं बिसरा एक जमाना

मत याद मुझे कर जाना।


मधुकर वनमाली 

मुजफ्फरपुर बिहार

मधुकर वनमाली की कविताएं


"बुग्यालों में तुम"


कहीं उन बुग्यालों में

भेंट हो पाती तुम से अगर

थोड़ा पहले,और पहले!


वही बुग्याल

जिसे तुम छोड़ आई हो

और मैं पहुंच गया

यहां तुम्हारी तलाश में।


जहां तपिश के आने

पर रोक है बदलियों की

ग्रीष्म भी हल्की गुनगुनी

धूप से पिघला भर जाता है

किसी पहाड़ी नदी की बर्फ

वैसे ही होते

मैं और तुम

और हमारा प्रथम स्पर्श।


सुनो अगर मिलती

बुग्यालों में तुम

थोड़ा सा गलत होता

थोड़ी सी पीड़ा बेचारे कुसुमों को

तोड़ कर कुछ रुधिर वर्णी बुरांश

सजाता मेघ वर्णी केश तुम्हारे

इतना तो सह हीं लेते

वो बुरांश

बुग्यालों में

हमारे प्रेम की खातिर।


थोड़ा नीचे

छाया जो होती

देवदारों की

तुम्हें तन्मय सुनते पाया

मेरी बांसुरी

और संग में

गंधर्वों का कोई पुराना गीत

शायद वो मेघदूत

किसी का बिछड़ा मनमीत

निहारती अपलक मुझे

जकड़ते तुम्हारे मोहपाश

और एक मृग की तरह

आता बंधने तुम्हारे पास।


शायद तब यह जीवन भी

इतना क्रूर-कठिन न होता

चरवाहों-यायावरों की तरह

होते राजा-रानी हम

उन बुग्यालों के

निश्चय से इतना तो

कह हीं सकता हूं

बुग्यालों में छूटने न पाता

वह‌ प्रेम ,वह अनुराग

पर शायद अब देर हो गई है।


मधुकर वनमाली

मुजफ्फरपुर बिहार

Tuesday, 16 June 2020

हमारी औकात क्या है!
भौतिक विज्ञान की गिनती से देखें तो 1 कोरोना वाइरस का वजन 0.85 एटोग्राम है।
यानी 0.00000000000000000085 ग्राम।
एक संक्रमित मनुष्य में वायरस की संख्या कम से कम 70 अरब होने पर उसका रिपोर्ट पाॅजिटिव हो सकता है।



70 अरब वायरस का वजन = 0.0000005 ग्राम होता है। आज तक पूरी दुनिया में 40 लाख लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं। इन सबके कोरोना वाइरस को इकट्ठा करें तो कुल वजन 2 ग्राम होता है।
इस 2 ग्राम ने पूरी दुनिया को हिला रखा है। दुनिया मे अरबों-खरबों रुपए का नुकसान हो चुका है।
इस 2 ग्राम वायरस के कारण पृथ्वी का पूरा वातावरण रिसेट हो गया है।
मनुष्य की बिगाड़ी हुई पृथ्वी को सही करने में ईश्वर को सिर्फ़ 2 ग्राम वायरस की जरूरत पड़ती है!
इतने से ही दुनिया के असंख्य जीव खुशहाल हो जाते हैं। पृथ्वी जीने लायक बन जाती है।
बस इतने से ही ईश्वर की ताकत एवं सिद्धांत को समझें।

Sunday, 19 November 2017

What is the Law of Energy transferring in Food Chain


Ten percent law


The Ten percent law of transfer of energy from one trophic level to the next was introduced by Raymond Lindeman (1942). According to this law, during the transfer of energy from organic food from one trophic level to the next, only about ten percent of the energy from organic matter is stored as flesh. The remaining is lost during transfer, broken down in respiration, or lost to incomplete digestion by higher trophic level.



The food chain




When organisms are consumed, 10% of the energy in the food is fixed into their flesh and is available for next trophic level (carnivores or omnivores). When a carnivore or an omnivore consumes that animal, only about 10% of energy is fixed in its flesh for the higher level. For example, the Sun releases 100 J of energy, then plants take only 10J of energy from sunlight; thereafter, a deer would take 1 J from the plant. A wolf eating the deer would only take 0.1J. A human eating the wolf would take 0.01J, etc. The quick way to find the energy at each level

       Energy at n(th) level =(energy given by sun)/(10)^(n+1).
                   Or Energy at n(Th) level =(energy given by plant)/(10)^(n-1)
             {Remember to count only from plant for both equation}
The ten percent law gives us a basic understanding on the cycling of food chains. Furthermore, the ten percent law shows the inefficiency of energy capture at each successive trophic level. The rational conclusion is that energy efficiency is best preserved by sourcing food as close to the initial energy source as possible.

Formula

Energy at n(th) level =(energy given by sun)/(10)^(n+1).
                  Or Energy at n(Th) level =(energy given by plant)/(10)^(n-1)
            {Remember to count only from plant for both equation}

Saturday, 4 March 2017

True History of Pythagoras Theorem in Hindi

True History of Pythagoras Theorem in Hindi


अगर आप ने दसवीं तक गणित पढ़ा है तो आपको पाईथागोरस theorem के बारे में जरूर पता होगा जिसके अनुसार किसी समकोण त्रिकोण (Right Triangle) की सबसे बड़ी भुजा (कर्ण) का वर्ग उसकी बाकी की दोनों भुजाओं (आधार और लम्ब) के वर्ग के जोड़ के बराबर होता है।



भले ही यह प्रमेय बहुत आसान है पर आज इसका उपयोग छोटे से छोटे कमरे बनाने से लेकर बड़ी से बड़ी इमारतों को बनाने के लिए किया जाता है। इस प्रमेय को भारत समेत बाकी के देशों में पाइथागोरस थ्युरम के नाम से पढ़ाया जाता है।

समकोण त्रिकोण जा त्रिभुज उस त्रिकोण को कहते है जिसका कोई एक कोण 90 डिग्री का होता है। 90 डिग्री के सामने वाली भुजा को कर्ण कहते है जो सबसे लम्बी होती है। बाकी की दोनो भुजाओ में से एक को आधार और एक को लम्ब कहते हैं।

कौन था पाईथागोरस? Who was Pythagorus?

पाईथागोरस प्राचीन ग्रीक का एक गणितज्ञ था जिनका जन्म 580 ईसापूर्व के लगभग हुआ था। वह एक गणितज्ञ के सिवाए एक वैज्ञानिक और दार्शनिक भी थे।

उन्हें मुख्यतः पाईथोगोरस की प्रमेय (Pythagorean theorem) के लिए जाना जाता है, जिसका नाम उनके नाम पर दिया गया है।

पाईथागोरस प्रमेय नही बौधायन प्रमेय कहिए!



पाईथागोरस से लगभग 250 साल पहले भारत में एक ऋषि हुए थे जिनका नाम था बौधायन। ऋषि बौधायन ने अपनी पुस्तक शुल्बसूत्र में यज्ञ की वेदियों के सही तरीके से बनाने के लिए कई र्फामूले और माप दिए थे।

शुल्बसूत्र में यज्ञ – वेदियों को नापना, उनके लिए स्थान का चुनाव तथा उनके निर्माण आदि विषयों का विस्तृत वर्णन है।

शुल्बसूत्र के अध्याय 1 का श्लोक नंबर 12 कुछ इस तरह से है –

दीर्घचातुरास्रास्याक्ष्नाया रज्जुः पार्च्च्वमानी तिर्यङ्मानीच |
यत्पद्ययग्भूते कुरुतस्तदुभयं करोति ||

आप को जानकार हैरानी होगी कि इस श्लोक का मतलब वही है जो पाईथागोरस थ्युरम का है।


इसका मतलब यही है कि पाइथागोरस से भी कई साल पहले भारतीयों को इस प्रमेय की जानकारी थी और इसके सबसे पहले खोजकर्ता ऋषि बौधायन थे।

अब सवाल यह उठता है कि भारत के स्कूलों की किताबों में इस प्रमेय को पाइथागोरस थ्युरम क्यों पढ़ाया जाता है?

इसका सीधा सा उत्तर है कि आज़ादी के बाद जिन लेखकों को भारत का इतिहास और अन्य विषयों पर किताबें लिखने का काम सौपा गया था वह सभी अंग्रेज़ों की शिक्षा पद्धति से पढ़े हुए थे। जैसा उन्होंने पढ़ा था वैसा ही लिखते थे।

वर्तमान में गणित और विज्ञान से संबंधित जितनी भी किताबें है वह मूल रूप से पश्चिमी वैज्ञानिकों द्वारा लिखी गई थी। उन पश्चिमी वैज्ञानिकों को उनकी प्राचीन ग्रीक सभ्यता, उसके वैज्ञानिकों का और उनकी खोज़ों का तो पता था पर शायद प्राचीन भारत के ज्ञान के बारे में उन्हें इतनी जानकारी नही थी। इसीलिए उनकी किताबों में प्राचीन ग्रीक वैज्ञानिकों और उनकी खोज़ों का वर्णन तो मिलता है पर प्राचीन भारत के किसी वैज्ञानिक का नहीं।

अगर उन्हें भारत के प्राचीन ज्ञान के बारे में थोड़ा बहुत पता भी था फिर भी उसके बारे में जानबूझकर बताते नही थे क्योंकि अंग्रेज़ों का उद्देश्य यही था कि भारतीय मानसिक गुलामी में जकड़े रहे और उन्हें गर्व करने का मौका ना मिले।

आशा की एक किरण

जनवरी 2015 में मुंबई युनीर्वसिटी में मोदी सरकार के उस समय के केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉक्टर हर्षवधन जी ने कहा था कि – ‘‘हमारे वैज्ञानिकों ने पायथागोरस प्रमेय की खोज की, लेकिन हमने इसका श्रेय यूनान को दे दिया।’’

जिस प्रकार से NDA सरकार राष्ट्रवाद को ध्यान में रखते हुए किताबों को नए सिरे से लिखवा रही है उससे हम यह अनुमान लगा सकते है कि भविष्य में भारत की किताबों में जरूर हमें पाईथागोरस थ्युरम की जगह बौधायन प्रमेय को पढ़ने को मिलेगा।

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आपका मित्र:-
   आशुतोष कुमार गुप्ता

Thursday, 9 February 2017


जनरल नॉलेज याद करने की शॉर्टकट ट्रिक्स |(shortcut tricks)


  विटामिन ABCDEK की कमी से होने वाले रोग याद करने की शॉर्टकट ट्रिक्स |(shortcut tricks)

Trick ---- "रवे सारे वहाँ पर हैं "

1. A - र – रतोंधी
2. B - वे - वेरी वेरी
3. C - सा – स्कर्वी
4. D - रे – रिकेट्स
5. E - वहाँ – वाझपन
6. K - पर - रक्त का थक्का न बनना
 


रोचक तथ्य


तना वाली प्रमुख फसल याद करने की शॉर्टकट ट्रिक्स |(shortcut tricks)


TRICK :- "हद कर दि आप ने



"हद - हल्दी
कर - केसर
दि - आदी
आ - आलु
प - प्याज


कर्क रेखा भारत के आठ राज्यों से गुजरती है याद करने की शॉर्टकट ट्रिक्स |(shortcut tricks)



‪ट्रिक‬ -- गमछा झार मित्र पर

ग -- गुजरात
म -- मध्य प्रदेश
छा -- छतीशगढ
झर -- झारखण्ड
मि -- मिजोरम
त्र -- त्रिपुरा
प -- पश्चिम बंगाल
र -- राजस्थान

G-20 के सदस्य देशो का नामयाद करने की शॉर्टकट ट्रिक्स |(shortcut tricks)



‪ट्रिक‬- GURUJI(गुरुजी) SITA(सीता) AB(अब) SSC FCI ME(में) जाँव करती है ।
G-- Germany
U-- USA
R-- Russia
U-- UK
J-- Japan
I-- India
S-- South Africa..


कुछ अानुवांशिक रोग याद करने की शॉर्टकट ट्रिक्स |(shortcut tricks)


ट्रिक: "वही क्लीप वही डॉट"

1. व-----वर्णांधता

2. ही-----हीमोफीलिआ

3. क्ली---क्लीनेफ़ेल्टर

4. प-----पटाउ सिंड्रोम.


  महत्वपूर्ण जानकारियाँ



भारके पूर्वी तट के बंदरगाह याद करने की शॉर्टकट ट्रिक्स |

/भारत के पूर्वी तटीय बंदरगाहों याद करने की शॉर्टकट ट्रिक्स |(shortcut tricks)


ट्रिक: "आप का सीसीटीवी"
1. आ ----- Annor(अंनोर) ---------------
(तमिलनाडु)
2. प ----- Paradwip -----------(ODDISA)
3. क ----- कोलकाता -------------(कोलकाता)
4. सी ----- चेन्नई ------------(तमिलनाडु)
5. टी ------------ तूतीकोरिन -----(तमिलनाडु)
6. वी ----- विशाखापट्नम ---(आंध्र प्रदेश)
 

 मुख्य 9 नदिय  जो "अरब सागर" मेँ गिरती है याद करने की शॉर्टकट ट्रिक्स |(shortcut tricks)

ट्रिक:- "सालू की माँ भानमती सो जा"

1. सा---साबरमती
2. लू----लूनी
की------( )
3. माँ---माँडवी, 4.माही
5. भा---भारतपुझा या पोन्नानी
6. न----नर्मदा
मती----( )
7. सो --सोम
8. जा---जाखम, 9.जवाई.



गंगा नदी के किनारे बसे प्रमुख नगर याद करने की शॉर्टकट ट्रिक्स |(shortcut tricks)




ट्रिक:- काना बाप हवाई वेग से भागा .

काना- कानपुर
ब- बक्सर
प- पटना
ह- हरिद्वार
वा- वाराणसी
ई- ईलाहाबाद
वेग- वेगुसराय
से- साहेबगंज
भागा- भागलपुर

ठंडी और गरम जलधाराऐं याद करने की शॉर्टकट ट्रिक्स |(shortcut tricks)

प्रमुख ठंडी जलधाराऐं

Trick – {हम बोले ग्रीन बगुला क्यों केला FAK (फ़ेंक) रहा है}
हम बो – हम्बोल्ट की धारा
ले – लेब्रोडोर की धारा
ग्रीन – ग्रीनलैंड की धारा
बगुला – बेंगुऐला की धारा
क्यों – क्युराइल की धारा
केला – कैलीफ़ोर्निया की धारा
F - फ़ाकलैंड की धारा
A - आखोस्टक की धारा
K - कनारी की धारा
इस तरह आपको ठंडी जलधाराऐं याद हो जाऐंगी और बाकी बची हुई जलधाराऐं गरम होंगी !!

कोयला उत्पादक प्रमुख देश याद करने की शॉर्टकट ट्रिक्स |(shortcut tricks)

.

ट्रिक:-- “ C.U.B.”
C— चिन
U— USA
B— भारत

अभ्रक उत्पादक प्रमुख देश  याद करने की शॉर्टकट ट्रिक्स |(shortcut tricks)

ट्रिक:-- “ B.B.C.”
B— भारत
B— ब्राजील
C— चिन

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महान व्यक्तित्व



भारतीय नदियों को याद करने की शॉर्टकट ट्रिक्स |(shortcut tricks)


ट्रिक- "समानता".
स= साबरमती नदी
मा= माहीनदी
न= नर्मदा नदी
ता= ताप्ती नदी
अब ट्रिक कार्य -
(1) दोस्तों यही वो भारतीय नदियाँ हैं जो पश्चिम की ओर बहतीहैं, बाकि सब पूरब कीतरफ बहतीहै।
(2) यही वो नदियाँहैं जो खम्बात की खाड़ी मेंगिरतीहैं।
(3) और दोस्तों बादकी केवल दो नदियां,नर्मदा और ताप्ती हीवोनदियांहै जो डेल्टानहीबनातीहै, बाकिसब नदीडेल्टाबनातीहै।


अब  दिमाग को आराम  देते हैं| अब थोड़ा पानी पीते हैं। ........

दो बार नोबल पुरस्कार प्राप्त करने वाले व्यक्ति को याद करने की शॉर्टकट ट्रिक्स |(shortcut tricks)


ट्रिक---"मैडम और जॉन फ्रेंड ली है"
मैडम----मैडम क्यूरी
और-----(साइलेंट)
जॉन-----जॉन बारडिन
फ्रेंड------फ्रेडरिक सेंगर
ली-------लीनस पोलिंग
है--------(साइलेंट)




बाबर द्वारा जीते गये चार युद्ध क्रमानुसार को याद करने की शॉर्टकट ट्रिक्स |(shortcut tricks)


ट्रिक=Pan khao chilla Ke gawo

P=पानीपत (1526),
K=खानवा (1527)
C=चांदेरी/
चाण्डेरी (1528) G=घाघरा(1529)

   UNO के स्थायी सदस्य  को याद करने की शॉर्टकट ट्रिक्स |(shortcut tri